तुने शर्म बेची है खुलकर यहीं कहीं

तुने शर्म बेची है खुलकर यहीं कहीं
इसलिए शराफ़त भरी बातें हैं यहीं कहीं

तुम्हारी हॅंसकर बातें करना जताता है
देश-धर्म बेचें हो अपने खातिर यहीं कहीं
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