वक़्त वक़्त की बात है

वक़्त वक़्त की बात है
कभी अच्छा कभी आघात है

इतना गुरूर न कर तू कभी
हॉं आदमी की जात है

वक़्त के खेल निराले हैं
पल में जीत पल में मात है

भला कौन रहेगा यहॉं सदा
कभी दिन है तो कभी रात है

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