ये दिल जले

ये दिल जले


रात की चादर तले
सफ़र में तन्हा चॉंद चले

उसकी याद आते ही
रातभर तन्हाई में दिल जले

तुम न आओ यादों में
ख्वाब है बस हाथ मले

जब पास आने की उम्मीद नहीं
चाहे हम जी ले या मर ले 

-राजकपूर राजपूत 

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