दिल तुम्हें देख कर

दिल तुम्हें देखकर
तरस जाता हूॅं
रह-रह कर
तड़प जाता हूॅं
अच्छा नहीं लगता
मेरा ये अधूरापन
तुझे देख के
जाग जाता है
मेरा अपनापन
मुझे ले लो अपनी बाहों
दिल मुझे देख
मैं हूॅं तेरी राहों में
कुछ कमी न हो
मेरे जीवन में
पूर्णता का अहसास हो
जब तुम पास हो 
मेरे साथ में !!!
---राजकपूर राजपूत''राज''
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