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कविता
दिल न बहलाओ
दिल न बहलाओ
राजकपूर राजपूत
फ़रवरी 03, 2021
नज़र न चुराओ
दिल न बहलाओ
तुम तो मेरी तलाश हो
मुझे यूॅं न तड़पाओ
कुछ बात अधूरी है
कहना भी जरूरी है
तुने नजरें फेर ली
कहो क्या मजबूरी है
क्या तड़पाना जरूरी है
---राजकपूर राजपूत''राज''
कविता
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