मेरी तनहाई

दिन 
धीरे धीरे 
रात के आगोश में 
सो रहा था
और बस्ती सारी
धीरे धीरे सो गई थी 
रात के आगोश में
लेकिन मैं जाग रहा था
रातभर..
तेरी याद में  !!!!
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ