ऐसे जीने से भला Ease Bhala Koi Jita hai Kavita

Ease Bhala Koi Jita hai Kavita

अपने लिए एक सलाह यही है
खुद के लिए जीना सही है

दूसरों को बेहतर कहने से क्या फायदा
मानेंगे वही जिसका अस्तित्व नहीं है

खुद का नजरिया हो जीने के लिए
क्या पता गैरों का नजरिया कितना सही है

तुम्हें अहसास होना चाहिए "राज़" खुद का
वर्ना ऐसे जीने से भला मरना ही सही है !!!

Ease Bhala Koi Jita hai Kavita


राम कितना निश्चित था
अपने निर्णय पर
राम कितना मर्यादित था
अपने चरित्र पर
आदर्श प्रस्तुत कर पाएं
तुम इसलिए
प्रजा तुम्हें समझते थे
न मुफ्त के कोई खाने वाले
चरित्र पर न दाग़ लगाने वाले
उस समय दोगलापन की परिभाषा नहीं मिली होगी
लोग अपरिचित थे
अपने बुद्धि से
लेकिन परिभाषाएं गढ़ी गई है आजकल
तथाकथित बुद्धिजीवियों ने !!!!

ऐसे भला कोई जीना

चापलूसी करके पैरों पे गिरना है
वो बंदा खास होगा
सफल जरुर होगा
आधुनिक कहलाने के लक्षण है जो आजकल !!!!

बुरे को स्थापित होने के लिए
अच्छे की छवि गिरा दी गई है
अब अच्छे भी
अच्छा नहीं लगता है
संशय उपजा नहीं है
यकायक
कई अच्छों ने दिखाया है
गिरकर !!!!

ऐसे भला कोई जीता है
गिरकर भी अच्छा कहां जाता है
आजकल की सभ्यता में शामिल है
उन्नति
चरित्र नहीं
आदर्श बन गए
बुरे लोग !!!!

ऐसे जीने से भला
किसी के लिए
अपने लिए जीया जाय
जो वक्त न दें किसी के लिए
मतलबी समझा जाय !!!!

गिरकर उठना भला है
गिरकर मर जाने से
सामना करना ही बेहतर है
डर कर मर जाने से !!!!
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