Ak-ke-baad-ak - जिंदगी के इस जद्दोजहद में कई ऐसे मोड़ आते हैं । जिसमें जीवन के साथी छूट जाते हैं । किसी को भूल जाते हैं तो कोई याद रह जाते हैं । कोई बेवजह भूल जाते हैं कोई मजबूरी में । लेकिन जिंदगी की तलाश में लोग भटकते ज़रूर है । कविता हिन्दी में 👇👇
Ak-ke-baad-ak
एक के बाद एक
बचपन के दोस्त
सभी दूर हो गए
कोई जिंदगी की तलाश में
कोई बेवजह दूर हो गए
हमने सोचा था कि
हम साथ रहेंगे मगर
कोई दुनिया में खो गए
कोई मशहूर हो गए
जीवन इतना बेदर्द है
कभी पास आया
कभी दूर हो गए
मैं भटकता रहा उसके पीछे
वो कभी हंसते,
कभी रूलाते रह गए
कभी एक झलक दिखाया
कभी ओझल हो गए
---राजकपूर राजपूत
2 टिप्पणियाँ
Bahut hi sundar rachana
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएं