rumor mongering poem
सस्ते हैं ये अफवाहों का समान भी
हर कोई खरीद के बैठे हैं
गलत हूॅ॑ सच हूॅं पता नहीं मगर
हर कोई यहॉं हिसाब लगाएं ऐंठे हैं
सच झूठ का मोल नहीं है
अपने-अपने तर्क लगाए बैठे हैं
सियासत में फायदे बहुत है
रिश्तों को ध्यान लगाए बैठे हैं
अपने आकाओं का चापलूसी करना है जिसे
सोशल मीडिया पर ध्यान लगाए बैठे हैं
वो जानता कुछ नहीं फिर भी
सियासत की बातों पर ध्यान लगाए बैठे हैं
रोटी का टुकड़ा मिल जाते हैं शायद
अपने मालिक को ध्यान लगाए बैठे हैं
फंडिंग से चलते हैं अब ज्ञान सभी
गिरे हुआ आदमी पैसों पे ध्यान लगाए बैठे हैं
उसे मतलब नहीं है किसी से
बस अपना मान-सम्मान लगाए बैठे हैं
बहस करने में माहिर हैं सभी
हर बात पे अनुमान लगाए बैठे हैं
जैसी जिसकी आदत हो यारो
वहीं पर राग लगाए बैठे हैं !!!
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