हमारी मोहब्बत को सहारा न मिला
तुम्हारी तरफ से इशारा न मिला
मेरी मोहब्बत को सहारा न मिला
उसकी हॅ॑सी दिल में खुशी लाती थी
मिन्नतें की खुदा से मगर दुबारा न मिला
मंजिल करीब थी मगर ऑ॑धियाॅ॑ आ गई
मेरी कश्ती को किनारा न मिला
सूरज डूब गए और पंक्षी की तलाश खत्म हुई
कट गया है दरख़्त कोई आसरा न मिला
ये दौर ही कुछ इस तरह उलझे हैं "राज़"
हर शख्स चालाक है कोई बेचारा न मिला
---राजकपूर राजपूत''राज''
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