लफ्जों में सौंदर्यता तो आ गई

लफ्जों में सौंदर्यता तो आ गई
मगर उसकी चालाकियाॅ॑ नहीं गई

लुटना है जिसका इरादा जमाने को
सादगी है मगर बनावटी नहीं गई

कहने को आधुनिकता है राज़
मगर रिश्तों से सियासत नहीं गई
---राजकपूर राजपूत''राज''
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