उन्हीं लम्हों में है
जब आप गुदगुदाते हैं
किसी को
जब दर्द किसी के
बिखर जाते हैं
तुम्हारा साथ पा के
ऐसी स्थिति में
किसी के स्मृति पटल पे
अंकित हो जाती है
आपकी उपस्थिति
और उस पल को
कई बार समेटते है
उसकी कल्पनाएं
तुम्हारी यादें
चुभन दे जाती है
रह रह कर
कशक पैदा करती है
पूरी तरह से
प्राप्ति के लिए
ऐसे में उसका मन
रमता है
स्मृति पटल पे
अंकित तस्वीर में
जिसके बिना
हृदय किसी दुसरे को
स्वीकार नहीं करता है
और तुम्हारी अनुपस्थिति में
तेरी यादों में
स्मरण करता है ,कोई..
हृदय से
और कीमत लगाती है
तुम्हारी अनुपस्थिति के बिना
अपनी
इस दुनिया में !!!
---राजकपूर
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