Poem on Trees Hindi
बड़े पेड़ के नीचे
छोटे पौधे उग आते हैं
अनजाने ही
धरती की ताप से
अंकुरित हो जाते हैं
कुछ पत्तें निकल आते हैं
और खींचने की कोशिश करते हैं
जमीन से
उर्वरक, पानी
जीवनदायिनी
जिसे खबर नहीं होती है
उसके जड़ के नीचे से
बड़े पेड़ खींच लेते हैं
उर्वरक,, पानी
जीवनदायिनी
ढंक देते हैं
अपने विशालकाय
शाखाओं से
सूरज की गर्मी
पहुंचने नहीं देते रौशनी
छोटे पौधों तक
धूप के कण
जिससे छोटे पौधों को
जीवित रहना होता है
जिसके बिना
वो निर्जीव होता है !!
Poem on Trees Hindi
बड़े पेड़ अक्सर
फैलाव से
बहुत बड़े जगह को घेर लेता है
दूसरों को उर्वरक कहां देता है
फैलता है
जितना फैल जाय
उसकी शाखाएं
उसकी जड़ !!!
कहते हैं बड़े पेड़ जब गिरता है
धरती हिलती है
छोटे पेड़ों का क्या
उसका तो गिरने की खबर
किसी को नहीं होती
लोग बड़े और छोटे पेड़ों से
तुलना करना
अहमियत, शख्शियत
बताना है
कीमत बताना है !!!
तुम्हें जब ताज्जुब होगा
किसी पेड़ की शाखाओं
उसकी जड़ों को देखकर
तो समझ लो
पेड़ों में अंतर करना आ गया तुम्हें !!!
तुम उसे बड़े बनाएं हो
जो बड़े नहीं है
खाद, मिट्टी और पानी डालकर
मगर वो भी बड़े हो गए
तुम्हारे बिना खाद , मिट्टी, पानी डालें
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---राजकपूर राजपूत''राज''
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