सच का दामन थाम के रखो

सच का दामन थाम के रखो
अपनी अहमियत जता के रखो

खुद्दारी रखो अपने सीने में
गिरगिट को समझा के रखो

साथ ना देगी दुनिया तेरी
खुद को तुम समझा के रखो

रौशन ही रौशन होगा तेरा जहाॅ॑
अंधेरे में दीया जला के रखो

अपनी अपनी जिंदगी है "राज़"
खुद का अहसास बना के रखो
---राजकपूर राजपूत''राज''
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