कोई दर्द समझा है ऐसे

प्यार पनपता है ऐसे
दिल धड़कता है ऐसे

पहली निगाह में ही
कोई दर्द समझा है ऐसे

सिहरन दौड़ गई बदन में
कोई प्यार से छुता है ऐसे

ऑ॑खों में उसकी तस्वीर
कोई ख्वाब देता है ऐसे

हर पल उसकी याद है
दर्द में सुकून देता है ऐसे

जाने ना दो दिलों का "राज"
हाॅ॑,प्यार पनपता है ऐसे
---राजकपूर राजपूत''राज''
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