जिंदगी को सवारा इस तरह

जिंदगी को सवारा इस तरह
मैंने तुझे पुकारा इस तरह

कड़ी धूप में ढूॅ॑ढता रहा हूॅ॑ मैं
ख़ुद को जलाया इस तरह

ऑ॑धियाॅ॑ आती है मेरे पास
मेरा हौसला बढ़ाया इस तरह

इश्क सीखा नफरतों के साए में
मेरा जीवन पला बढ़ा इस तरह

अपने इश्क के कई सबूत दिए
उसने प्यार जताया इस तरह

तेरे दावों से मेरी चुप्पी अच्छी
मैंने उसे समझाया इस तरह

---राजकपूर राजपूत''राज''
जिंदगी को सवारा इस तरह

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