सूरत और सीरत surat and seerat poetry hindi

जरूरी नहीं है कि सूरत अच्छी हो तो दिल अच्छा हो । surat and seerat poetry hindi लोग तो आजकल कृत्रिम रूप से सुन्दर दिखना चाहते हैं । बनावटी दुनिया में लोग तरह तरह के ढोंग करके खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश करते हैं । जिसके प्रभाव में अक्सर लोग फंस जाते हैं । बनावटीपन इतने प्रसिद्ध हो गया है । लोग इसे अजमाने में नहीं हिचकते हैं । पढ़िए बनावटी दुनिया पर कविता 👇👇

surat and seerat poetry hindi 


सूरत ही थी जो दिल में उतर गई
सीरत जाना तो नजरों से उतर गई
अब तक अच्छी बातें होती थी मगर
दिल का ख्याल जाना तो मोहब्बत उतर गई
वो अभी भी मतलब से मिलते हैं
जब जरूरत पड़ी तो सूरत उतर गई !!!

एक सूरत
जो कृत्रिमता से आच्छादित है
किसी ब्यूटी पार्लर से बनाया गया
जिसका लेप
वास्तविक सुन्दरता को ढंक कर
बाहरी मन को
भटकाने के लिए 
खुद की सूरत को
बेहतर बनाने के लिए
छला हुआ आवरण है !!!

सूरत पर भले ही लेप चढ़े हो 
लेकिन छला जा सकता है
उन लोगों को
जो दिखावटी चीजों को पसंद करते हैं
जब तक कृत्रिम लेप से
ढंका जा सकता है
वास्तविक सुन्दरता को
तब तक कृत्रिम आकर्षक से
रीझते रहेंगे लोग  !!!

कृत्रिमता का लेप लगा लेने से

कोई सुन्दर नहीं हो जाता है
मन का कालापन नहीं जाता है
तुम जैसे लोग कई है इस दुनिया में
जो मुझे नहीं भाता है !!!

आईने के सामने
सूरत झांक लेते हैं
लेकिन सीरत पे ध्यान नहीं जाता है
किसी का !!!

दुर्योधन खड़ा था
सौ भाईयों के साथ में
अर्जुन खड़ा था
पांच भाईयों के हाथ में
संख्या से निर्णय नहीं होता
लड़ो, हार के डर से विजय नहीं होता
जिसने शौर्य से लड़ा
उसका हार नहीं होता !!!!!

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