जहां दो दिलों की बात है

रोज रोज की बात है
जैसे दिन और ये रात है

खाना पीना और सोना
जानवरों में भी ये बात है

इंसान अलग है जानवरों से
दिल में जिसके जज़्बात है

मिली है जिंदगी खुशी से जीओ
उदासियों में ही आघात है

बेहतर है 'राज़' उसकी जिंदगी
जहाॅ॑ दो दिलों की बात है
---राजकपूर राजपूत''राज''
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