रोया है चाॅ॑द रातभर

सारी बस्ती सो गई
सारी कायनात सो गई
एक तनहा चाॅ॑द
जागते रहे रातभर
सितारे मुस्कुराते रहे 
दूर से.. रातभर
चाॅ॑द का दर्द ना समझे
कोई - रातभर
रोया है चाॅ॑द देखो रातभर
इसलिए.. 
शबनम पड़ी है जमीं पर
---राजकपूर राजपूत''राज''
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