जरा सी देर में In a Little While

 In a Little While 
जरा सी देर में
घबरा जाते हैं हम
तेरे इंतज़ार में
बेचैन हो जाते हैं हम
इसी उम्मीद में जीता हूॅ॑
कभी ना कभी 
मिल जाएंगे हम
बेसब्री से तेरी राहों में 
पलकें बिछाए है हम
तुम आओ मेरी जिंदगी
तेरे बगैर तड़पते हैं हम  !!!


 In a Little While


उदास आदमी 
अकेले ही अच्छा है 
दर्द होगा 
पीड़ाएं भी होगी 
रोया भी होगा 
लेकिन किसी ने समझा नहीं होगा 

अकेले आदमी को 
छोड़ देता है समाज 
यही समझकर 
मर गया है 


और अकेला आदमी 
अकेला ही रहा 
वो समझ चुका था 
दुनिया बहलाव को पसंद करती हैं 
बात की 
मुलाकात की 
दर्द के प्रति सहानुभूति दिखाते हैं 
साथ नहीं देते हैं 
इसलिए अकेला आदमी अकेला है !! !!


जरा सी देर में 
सूखापन आ जाता है 
और वर्षा के इंतजार में अधीरता 

प्रेम तुम बादल बनकर उड़ रहे हो 
और मैं धूल बनकर 
अपनी मिट्टी से !!!!


जरा सी देर में 
अधीरता ने कहा 
प्रेम नहीं होता है 
अच्छा 
तरसना और तड़पना 
मिल कर स्थायित्व दो 
सदा के लिए !!!!

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---राजकपूर राजपूत''राज''


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