दर्द अपना खास होता है

दर्द अपना खास होता है 


दर्द भी अपना खास होता है
जो इश्क में अपने पास होता है

महफूज़ होगी तेरी दुनिया मगर
मेरे सीने में प्रितम का वास होता है

उम्मीद नहीं मुझे दुनिया की
उसकी बातों से मेरा उपहास होता है

तेरे बगैर अब कैसे जीऊं मैं
धीरे धीरे बदन का हास होता है

ठहरो ज़रा समेट लूं तुझे पलकों में
तेरी यादें ही हर पल मेरे पास होता है

---राजकपूर राजपूत



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