Ghazal on Mask
दिल के इरादे दिल में छुपाए रहता है
वो चेहरे पे मुखौटा लगाए रहता है
उम्मीद है साबित नहीं कर पाउंगी दुनिया
शायद ! इसलिए मुखौटा लगाए रहता है
जनाब अब सच को सुनते हैं कौन यहां
शायद ! इसलिए मुखौटा लगाए रहता है
फुर्सत नहीं मिलते हैं लोगों को जो गौर करें
शायद! इसलिए मुखौटा लगाए रहता है !!!
Ghazal on Mask
मुखौटा
समय के अभाव में पहचाने नहीं जाते
और मतलब है जब तक निकाले नहीं जाते
तुम जिसे समझते हो अपना
असलियत आ जाएगी आजमाएं नहीं जाते !!!
सियासत में अभिनय की जरूरत होती है
कई मुखौटों की जरूरत होती है
इरादा एक रहेगा लेकिन अभिनय अलग-अलग
दर्शक की भावनाएं समझने की जरूरत होती है !!!
तुमने इरादे बनाएं और आ गए
मुखौटा लगाना तुम्हें आ गए !!!
---राजकपूर राजपूत''राज''
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