दरवाजा खुला रखिए Keep the Door Open Poem

                  Keep the Door Open Poem 
जिंदगी में इश्क़ का दरवाजा खुला रखिए
नफरतों को दिल से भुला के रखिए

इश्क़ में दर्द के साथ सुकूॅ॑ भी होता है
इश्क़ बिना खुद का एहसास कहाॅ॑ होता है

बेशक आदमी ढूॅ॑ढता है अपनी जिंदगी को
मगर बमुश्किल पाता है जिंदगी को

मिल गए इश्क़ तो तलाश खत्म हो जाती है
जिंदगी में जिंदगी की तलाश खत्म हो जाती है

मोहब्बत के आसरे में जीता है मर जाता है
इतनी ही शिद्दत से कोई प्यार कर जाता है

ना ले प्यार के नाम पर कोई बेवफा का नाम
जी जाऊं खुद ही वर्ना नहीं आऊंगा किसी काम

माना प्यार न मिले और दिलदार न मिले 
कोई हो या न हो खुद से ही मिले !!!


      Keep the Door Open Poem


दरवाजा खुला रखिए
क्या पता जो तलाश में गए हैं
लौट आए
और अपना मकान बंद पाए !!!

दिल का दरवाजा बंद रखिए
कौन आ रहा है कौन जा रहा है, ध्यान रखिए
दिमाग चलाओ इस तरह
मतलब का ज्ञान रखिए 
प्रेम कल कि बातें
नफ़रत में जीने की कला याद रखिए
चलन ही इस तरह से है
उठते बैठते याद रखिए !!!!
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