मोबाइल और मनोरंजन

Mobile aur manoranjan 


पहले का मनोरंजन जो था 
दो चार व्यक्तियों के बीच में होता था
परस्पर हंसते थे
बतियाते थे
एक दूजे से
लेकिन
आजकल ये मोबाइल में
कौन सा गुण है ?
जो घंटों चिपके हैं
समाज - घर परिवार से दूर होके
जिसे तनिक भी परवाह नहीं है
अपनो से दूर होके
रिश्तों को काट कर
अपनी जिंदगी को मानकर
निर्माण हो रहा है
मोबाइल की संवेदनशीलता
जिसमें केवल लोग दूर हो रहे हैं
एक दूसरे से !!!
Mobile aur manoranjan


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ