Baat-baat-par-nhi-bigdate- कुछ आदत किसी की । यूं ही होता है । जो लगता है कि प्यार का हिस्सा है । जबकि उसके व्यवहार है । जिसे समझदारी से बनाते हैं । ताकि लोगों को लगे उससे दिल्लगी है । जबकि आदतें बिना सोचे समझे किए जाने वाला व्यवहार है । जिसे अच्छी लगने के बाद शामिल कर लिए जाते हैं । अपने व्यवहार में । ताकि इच्छित फल की प्राप्ति हो सके । ऐसे लोगों से उम्मीद करने वाले ठगे जाते हैं ।
कविता हिन्दी में 👇👇
Baat-baat-par-nhi-bigdate-
बात बात पर नहीं बिगड़ते
बात छोटी सी लेकिन नहीं समझते
चाॅ॑द कहाॅ॑ से लाऊॅ॑ मैं तेरे लिए
मैं धरतीवासी तुम नहीं समझते
रूठना जायज़ है जब मान जाओ
इश्क़ की बात है लेकिन नहीं समझते
नजरें उसकी व्यापारी हैं
मतलब के हिसाब से रिश्ते तुम नहीं समझते
कौन यहां अपना/पराया है
सबको मर जाना है तुम नहीं समझते
हर चीज़ की कमजोरियां हैं यहां
हौसले से आंधियां रूख़ मोड़ लेगी तुम नहीं समझते
कब तक इंतजार करें कोई
हर बहाने में नफ़रत है तुम नहीं समझते
उसके दिल रखने की अदा कातिल है
प्यार न समझ बेकद्री हैं तुम नहीं समझते
---राजकपूर राजपूत''राज''
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