Heartfelt wish is a cup of tea poem
दिली ख्वाहिश है कि एक चाय हो जाए
इसी बहाने से सही मुलाकात हो जाए
तेरे होठों से लग के दिल की बात हो जाए
मीठी ही ना सही कड़वी चाय हो जाए
मौका नहीं मिलता है तेरे पास आने का
देखता रहूॅ॑ तुझे भले ही चाय ठंडी हो जाए
इसी उम्मीद में जीता हूॅ॑ मेरे हमसफ़र
मिलेंगे तो कहेंगे एक कप चाय हो जाए !!
sip of tea
मेरी चाय की चुस्कियों में
बड़ी राहत थी
मेरे टूटे ख्यालों को
चाय की चुस्कियां जोड़ रही थी
और मैं सूप-सुप चाय पी रहा था
सिर्फ ख्याल तेरा था !!!!
---राजकपूर राजपूत
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