फूल खिले कुछ गमले हैं
झुकी नज़रों से देख रही है
अरमान उसके भी मचले हैं
दिल में आग दबी रही मगर
होंठ उसके भी अब सिले हैं
जिधर देखो तस्वीर उसकी
इश्क़ मेंं ये दर्द बहुत मिले हैं
अजीब सी सिहरन दौड़ गई
हवा के झोंके से पत्ते हिले है
समझे ना कोई दिल की बातें
पल-पल में क्यों हमले हैं
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