वक्त से पहले किस्मत से कुछ ज्यादा

वक्त से पहले किस्मत से कुछ ज्यादा
इस बात पे भरोसा नहीं कुछ ज्यादा

तर्क में क्या रक्खा है लाभ या फायदा
लगे रहो अपने कर्म में इसमें कुछ ज्यादा

देखे हैं मेहनत से लकीरें मिट जाती है
आओ ! आजमाते हैं इसे भी कुछ ज्यादा

किस्मत को संभालना भी हूनर है 'राज'
पी जाती है बिल्लियाॅ॑ दूध कुछ ज्यादा

---राजकपूर राजपूत''राज''

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