दिल की बात दिल में छुपाए रखा

दिल की बात दिल में छुपाए रखा 



दिल की बात दिल में छुपाए रखा
सीने में मेरा प्यार दबाएं रखा

हो जाती है मुलाकात कभी
रसीले होठों को दबाए रखा

इजहार गुलाब की फूलों से की
पंखुडियाॅ॑ किताबों में छुपाए रखा

तड़प जाती है एक पल न देखे मुझे
मेरी राहों पे नजर बनाए रखा

बडी़ तकलीफ है ये रोग भी यारों
दवा न ली और इसे बढ़ाए रखा

जब उसका ख्याल आया मुझे
उसका अहसास बनाए रखा 

---राजकपूर राजपूत


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ