Mera khyal hai ki
मेरा ख्याल है कि तेरे घर में एक चाय हो जाय
बैठें रहे दोनों और इधर उधर की बातें हो जाय
समझता हूॅ॑ आजकल मुश्किल है तेरे पास आना
इसी बहाने ही सही छोटी सी मुलाकात हो जाय
भीड़ में चलते हैं लोग और अकेले में बातें करते हैं
हो सकता है बैठेंगे तो सारे शिकवे गिले निकल जाय
कठिन है इस दौर में यूॅ॑ दिल का बहलाना दोस्तों
दो पल की जिंदगी ऐसे मौके को छोड़ा ना जाय
ये दिल की बात है किसी को बताया नहीं जाता है
लफ्ज़ चुप हो तो गुफ्तगू आंखों से छोड़ा ना जाय
-----राजकपूर राजपूत
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