अजीब हालत है मेरे दिल का

अजीब हालत है मेरे दिल का 


अजीब हालत है मेरे दिल का
ये दिल दीवाना है तेरे नाम का

प्यार में दो घड़ी होती है बहुत
ठहरों ज़रा भरोसा नहीं किसी का

वक्त से लड़ जाता हूॅ॑ मजबुती से
मैं आदमी हूॅ॑ सिर्फ़ अपने इरादों का

शक भरें निगाह ना रखो इश्क़ में
ये सच है आदमी हूॅ॑ साफ़ दिल का

समझाते हैं वहीं लोग मुझे आजकल
जो जज़्बात ना जाने किसी दिल का

जी लेते हैं तेरी बाहों के दरमियान
छोड़ ना दें सांसें क्या भरोसा ज़िंदगी का

___राजकपूर राजपूत


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