Education and Educated People Articles शिक्षा और शिक्षित लोग

Education and Educated People Articles शिक्षा - कुछ लोगों ने इतने जोर से कहा कि शिक्षा वो चीज़ है जिसे पीते ही सभी शेर -शेरनी हो जाते हैं । किसी ने कहा कि शिक्षा से औरतों के हाथों से झाडू छूट जाती हैं । शिक्षा वो चीज़ है जिससे समाज में स्थान स्वत: प्राप्त हो जाते हैं । 

आदि कई तरह से जोर दिया गया । जिसने अक्षरशः पालन किया उसने जरुर कुछ चीजों का विरोध करना सीख गया । औरतों ने पहले झाड़ू, बर्तन मांजना आदि कामों को खुद से अलग कर दिया । क्योंकि उसने एक पढ़ाई की डिग्री हासिल कर ली हैं । अब शिक्षित हैं । कुछ काम कर नहीं सकते हैं । इसलिए उसने आरामदायक कामों को चुना या फिर तरीके जो सुविधाजनक हैं। 

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कुछ लोगों ने बोलना सीख गया हैं । हर चीज पर सलाह और राय रखना उसे तार्किक और शिक्षित होने का प्रमाणपत्र प्राप्त मिले हैं । भले ही किसी चीज की गहराई पता हो या न हो । लेकिन जोर से और आक्रामकता से बोलने की कला में माहिर हैं । जिसके कारण जो समझदार हैं उसने इन लोगो के प्रति उदासीन रवैया अपना रहे हैं । जिसे शिक्षित लोग खुद को श्रेष्ठ समझ बैठे हैं । 


ख़ास पहनावे और चाल-ढाल से खुद को अलग दिखना ही शिक्षित होने का बाह्य लोगों के लिए प्रमाण पत्र है । या फिर बड़े लोगों के स्तर पर खुद को रखने का प्रयास है । एक सब्जी बेचने वाले और ईंट पत्थरों के काम करने वालो से खुद को अलग करने के तरीके हैं । जिससे उसकी मानसिकता में ऐसे लोग के प्रति हीनता के भाव रखें रहते हैं । 

कुछ शिक्षित समूह या विचारधारा के लोग स्वयं के सोच से मेल खाने वाली विचारधारा को प्रमाणित करते हैं कि वहीं लोग ही शिक्षित हैं । बाकी उससे भिन्न अशिक्षित और असभ्य । ऐसे लोगों का समूह एकजुटता से ग़लत चीजों को भी आक्रमक विरोध से सही साबित करने का प्रयास करते हैं । मनमौजी, मनमाफिक सामाजिक व्यवस्था का निर्माण करना इनका मुख्य उद्देश्य है । ऐसी शिक्षा, शिक्षा न हो कर एक गिरोह का निर्माण है । 



मैं अभी हारा नहीं था

माना कोई सहारा नहीं था
सफ़र में छूट जाते हैं कई लोग
वो भाग्य हमारा नहीं था

चले थे अपने भरोसे से
लड़े थे दुनिया और खुद से
बस मेहनत और लगन प्यारा था
मैं अभी हारा नहीं था

मैं लौट आता उसके पुकारने से
बर्बाद हो जाता उसके मुस्कुराने से

मगर उसके दिल में ख्याल हमारा नहीं था
मैं अभी हारा नहीं था

मैंने जीतने की कोशिश की
हर कोशिश को दिल से की
मगर पा लेते ये भाग्य हमारा नहीं था
मैं अभी हारा नहीं था !!!!!


उसने सुनी गर्जना ऊंची आवाज में 

कमरे और घर से निकल कर 

ताकतें आसमान को एकाएक कुछ हुआ है 

शांत गिरती बारिश की बूंदें 

किसी को रोकते नहीं 

टोकते नहीं 

घर से निकलकर आने जाने में 

लेकिन गरजने से पहले ही 

बिजली गिर गई थी 

जिसकी आवाजें सुनाई दी थी 

आसमानी बिजली के बाद 

आदमी गर्जना सुनते हैं !!!!


सभ्य की आड़ में छिपकर 

हमने कई हत्यारों को खुली जगह दी हैं 

हमने बचने की कोशिश की 

और भागे, अपने बचाव में 

जबकि हत्यारा 

हमारी सभ्यता को ग्वारा समझ लिया 

वो जब भी दिखा मुझे हत्यारा लगा 

और मेरे भीतर की सभ्यता 

मासुम बच्चा 

मुंह खोला तो मार खाऊंगा !!!!


कोई कहता है 

युद्ध वहीं चाहता है 

जिसके परिवार से कोई सेना में नहीं है 

कोई कहता है 

युद्ध से गरीब मर जाता है 

मुझे लगता है 

ऐसा कहकर सब मजाक कर जाता है 

सभ्यता की आड़ है वर्ना 

ऐसा तो कोई कायर कह जाता है 


सच का साथ देना नहीं है 

दुष्टों का सहारा बन जाता है 

हथेलियों के सहारे ही सही 

दुश्मन का तारीफ कर जाता है  !!!?


दोमुंहे सांप की तरह डस रहा है
कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी हॅंस रहा है
अब युद्ध नहीं ये बुद्ध की धरती है
अपने ही देश पर तंज कस रहा है

बिल से निकलेंगे सारे सांप अभी
शीत अवस्था में नहीं,  देखेंगे अभी
मौकापरस्ती पे रंगा है गद्दारों की टोली में 
सही अवसर की तलाश में फंस रहा है
अपने ही देश पर तंज कस रहा है

सामान्यीकरण की प्रक्रिया कुछ तेज़ करेंगे
अवसर - अवसर पर सभी भेद करेंगे
तर्क लेकर अक्सर सच में फर्क करेंगे
यही हाल है दोहरे मापदंड का दोस्तों
जो भीतर ही भीतर हंस रहा है
अपने ही देश पर तंज कस रहा है !!! 


मोमबत्ती जलाकर बुझा दिए गए 

विरोध उस चौक से इस चौक तक करना था 

निर्धारित था गुस्सा का प्रदर्शन 

या दिखावटीपन 

ये चर्चा का विषय नहीं था 

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विरोध में उस दिन भी उतरे थे 

जब पहले - पहले प्रतीकात्मक रूप में 

मोमबत्ती जलाई थी 

वास्तविकता थी 

बिना बुलाए भीड़ की उपस्थिति 

न्याय की मांग 

अत्यन्त जरूरी था 

सबने समझी बिना किसी योजना के 

लेकिन जब से योजना बनाना शुरू हुआ है 

मोमबत्ती जलाना निर्थक लगता है !!!!

- राजकपूर राजपूत 




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