संवाद sanvad-dialogue-prem-ke-liye-jaruri-hai - Kavita प्रेम का जरुरी है - रिश्तों में ! बिन संवाद के रिश्तों को समझा नहीं जा सकता है ! संवाद[ sanvad ] दो या दो से अधिक व्यक्तियों का वार्तालाप है ! जिसमें मन या अंतस की बातें होती है ! चाहे लिखित हो या या मौखिक , साहित्यिक या नाटकीय ! संवाद- लेन देन , व्यापार से लेकर मधुर रिश्तें का हो सकता है ! परस्पर संवाद [dialogue] विचारों अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जरुरी है ! जिन रिश्तों में संवाद की कमी होती है ! उन रिश्तों में प्रेम का आभाव होता है ! प्रस्तुत है इस पर कविता जो आपको पसंद आएगी -
sanvad-dialogue-prem-ke-liye-jaruri-hai- Kavita
संवाद का न होना
तेरे मेरे प्रेम के बीच में
बांधा है
एक दूरी बन गई है
तेरे मेरे रिश्तों में
जो कड़वाहट
पैदा करती है
प्रेम से दूर करती है
जबकि…
संवाद खोलता है
हृदय का दरवाजा
मन की कल्पना
और आत्मा का आंनद
मजबूत रिश्तों के बीच
लेकर अपनापन
पहचान कराते हैं
एक दूसरे की
जरूरत में खड़ा होना
साथ रहकर जीना और मरना
दो जिस्म एक जान की तरह
जो परस्पर जुड़े रहते हैं
दूरी में भी
संवाद के माध्यम से
इसलिए आदिकाल से लोग
संवाद जारी रखा है
आजतक
जहां पहले के लोग
चिट्ठी के द्वारा
मन की गांठें खोलते थे
वहीं अब के लोग
मोबाइल से
चाहे खुशी के हो
या ग़म के
मगर संवाद ज़रूर करते हैं
ताकि ताजगी बनी रहे
उमंग रहे जीवन में
और शामिल रहता था
अपने रिश्तों में
लेकिन आजकल संवाद कम हो गया है
वर्तमान रिश्तों में
तेरे मेरे बीच में
मिलते हैं जरूर मगर
अब बात नहीं होती
पहली जैसी मुलाकात नहीं होती
औपचारिकताओं के संवादों में
कहीं दब गया है मधुर संवाद
अपनापन और मेरा प्यार
जिसकी तलाश मुझे आज भी है
ताकि मिल सकूं अपने प्रेम से
अपनापन से !!!
जो संवाद स्थापित कर लेते हैं -
जो संवाद द्वारा स्थापित कर लेते हैं
एक सुरक्षित घेरा अपनो की
और उसे जब भी अवसाद घेर लेती है
और मन बेचैन हो जाता है
एक फोन कॉल
मन की गांठें खोल देती है
अपनो का संवाद
उसके एक - एक शब्द
भीतर ही भीतर
प्रेरित करता है
हर स्थिति से
निपटने के लिए !!!!
संवाद अपनो का
जीने की वजह है
वहीं बिन संवाद
मरने का !!!
संवाद के लिए जरूरी है
कम से कम दो व्यक्ति
अगर संवाद
एक व्यक्ति द्वारा संचालित हो तो
और दूसरे व्यक्ति को
संवाद का अवसर न दिया जाए
तो संवाद बीच में टूट जाता है
आदमी रूठ जाता है
ध्यान रखना संवाद में !!!!
राजनीतिक संवाद
मतलब का संवाद है
जिसमें जितने लोग शामिल होते हैं
मतलब साधने के लिए
ज़रूरी शब्दों का ध्यान रखते हैं
जैसे मधुरता, अपनापन, हितैषी पन
दिखावटीपन आदि जो जरूरी है
अच्छे इंसान बनने के लिए
हांलांकि उसे संवाद तक रखा जाता है
चरित्र में नहीं !!!
इन्हें भी पढ़ें 👉 हस्ताक्षर -प्रेम कविता
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