Prem - रिश्तों का अहसास love-relationship-feeling

love-relationship-feeling प्रेम नहीं तो जिम्मेदारी नहीं है । प्रेम परवाह करता है । अपनी प्रेमिका की । ख्याल रखता है । प्रेम को अकेले नहीं छोड़ा जा सकता है । दूर रहा नहीं जाता है । प्रेम को लगता है कि वह प्रेम का ख्याल बेहतर तरीके से कर सकता है । पढ़िए इस पर कविता 👇👇👇

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प्रेम सुखद अहसास है 

 मैं जानता हूं

ये दुनिया में कुछ भी नहीं
सिवाय मेरे तन्हाई के
फिर भी क्यों ऐसा लगता है
जैसे सब कुछ है
मेरे पास
मेरा अहसास
मेरा प्रेम !!!

मैंने उम्मीद
किसी से नहीं की है
सिवाय खुद की
जो जोड़ देता है
मुझे
मेरा प्रेम
जिसके अहसास होते ही
दुनिया मेरी हो जाती हैं
मेरे पास 
मेरा अहसास
मेरा प्रेम !!! 

मैं तुझे नहीं देखता कि
तुम मेरे दर्द को सहलाओगे
न ही मुझे तुमसे आशा है
न ही तुझे देखकर प्रेरित होता हूं
किसी कार्य/कारण में
मेरा मन लगने की वजह
तुम नहीं हो
वो तो मेरे हृदय का लगाव है
झुकाव है
जिसे करने के लिए
स्वतः प्रेरित करता है
मेरा प्रेम
मेरा उद्दात हृदय
जिसकी वजह है !!

तुम्हें क्यों डर लगा कि
तुम अकेले हो
चलों ! अपनी धुन में
प्रेम बांटते
तुम्हें बेशक न मिले हो
प्रेम जीवन को सरल बनाता है
सदा हंसता गाता है
जहां मदमस्त नदी बहती हो
तुम्हें क्यों लगता है कि
तुम अकेले हो
जीवन सत्य नहीं
मृत्यु उचित जगह है
जब तक जान है कहो
हर दिन नया हो !!!!


इन्हें भी पढ़ें 👉 प्रेम कविता 
-rajkapur rajput 
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