चालाक लोगों की पहचान cunning-people-identity-article

चालाक लोग और उसके इरादे - cunning-people-identity-article-hindi-literature-life-

चालाक होना गलत नहीं है , यह स्वयं के अस्तित्व के लिए जरूरी है । बस छद्म चालाकी से अपना काम निकालना गलत है । जो किसी के भावनाओं, अस्तित्व, व स्वाभिमान को ठेस पहुंचाता हो । 

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चालाक लोग अपने कामों को बड़ी सरलता से निकालते हैं । 

कुछ लोग बड़ी सरलता से अपना काम निकाल लेते हैं । जिससे किसी भी प्रकार से रिश्तों में कड़वाहट नहीं आती है । बल्कि रिश्ते और मजबूत होते हैं । क्योंकि रिश्तों को संभालने के लिए ही ऐसी बुद्धि का उपयोग करते हैं । जो किसी के मन, आत्मा को बिना कष्ट पहुंचए अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है । 

आजकल के चालाक एक ठग- 

ये अलग बात है कि वर्तमान समय में चालाक शब्द ठग की श्रेणी में जाने जाते हैं । क्योंकि आजकल ज्यादातर लोग केवल अपना हित साधते हैं । अपना स्वार्थ पूर्ति के लिए कुछ भी कर सकते हैं । ऐसे लोग केवल मतलब में रिश्ते बनाते हैं । मतलब निकल जाने के बाद पहचानते नहीं हैं । केवल अपनी बातें करते हैं । दुसरो की बातों को अनसुनी करते हैं । अपने हितों को ही प्राथमिकता देते हैं । बाकी चीजों में उदासीनता दिखाते हैं ।

 जिसकी पहचान इस प्रकार है

(१) ऐसे लोगों के भीतर एक सेलेक्टिव एजेंडा होता है । जिसमें वे हमेशा स्थिर रहते हैं ।चाहे कुछ भी हो जाए वे भूलते नहीं । ध्यान रखते हैं , अपना उद्देश्य ।  

(२) बातें बनावटी लेकिन इरादे खतरनाक रखते हैं । जो समय आने पर दिखाई देते हैं । बाकी समय दिखावा करते हैं । अपनेपन का । 

(३) अवसर ढूंढते हैं । ऐसे लोग आपदा में अवसर ढूंढना बखुबी जानते हैं । छोटा सा भी मौका मिलते ही । अपने हितों के अनुरूप परिवर्तन कर लेते हैं । 

(४) परिस्थितियों को समझते हैं । अगर माहौल ठीक नहीं तो सीधे सादे बने रहते हैं । यदि हालात उसके अनुकूल हुआ तो सबके मालिक बनने से नहीं घबराते हैं । 

(५) अपने अनुकूल माहौल का निर्माण करते हैं । चाहें झूठ ही बोलना क्यों न पड़े । 

(६) तर्कशील— चालाक लोग तर्कशील होते हैं । जो खुद के गलत को भी सही साबित कर देते हैं ।

 (७) तुलनात्मक बातों में माहिर होते हैं । ध्यान रखते हैं । अगली पिछली घटनाओं को । जिससे स्वयं को सच साबित करने में तकलीफ़ न हो । 

(८) थकाने, बहकाने, मनाने में निपुण होते हैं । बातें ऐसी जिसे सुनकर हर कोई उसके भरोसे में आ जाता है । 

(९) सियासत बुद्धि के होते हैं चालाक लोग । दूसरों की लकीरें काटकर खुद को बड़ा कैसे बनाया जाता है । ये बात अच्छी तरह से जानते हैं । 

(१०) थकावट भरी आलोचना करते हैं । अपने दुश्मनों के लिए । जिसमें थोड़ी बहुत बुद्धिमत्ता का मिलावट होती है । सत्यता भरी रखी जाती है । ताकि कोई उसे सीधे तौर पर उंगलियां न उठाए । उसकी छोटी सत्यता में दुनिया उलझी रहे और इसी सत्यता के सहारे जनसामान्य के बीच उसकी पहुंच बनी रहे । 

सार में कहा जा सकता है कि चालाक लोग जो सोचते हैं । उसे जनसामान्य नहीं सोच पाते हैं । इसलिए चालाक लोग सफल हो जाते हैं । 


चालाक लोगों की पहचान यही है

अपने एजेंडे को लागू किया है

धीरे-धीरे

गैरों के बीच में भी

जगह बनाकर

उसका नाश किया है

धीरे-धीरे !!!!

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