नारियल और भगवान Nariyal-or-bhagvan-kavita-hindi

नारियल और भगवान
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 नारियल का लेन देन में

बड़ी सावधानी बरती जाती है

उसकी पवित्रता का

अंदाजा लगाया जाता है

हिलाकर - डूलाकर

उसकी आवाजें सुनी जाती है

(पानी की)

जब तसल्ली होती है

नारियल के आकार से

तब ख़रीदा जाता है

चंद पैसों से

एक नारियल

भगवान की भेंट के लिए


नारियल जो कि एक प्रतिनिधि है

हमारे भावों की

हमारी चाहतों की

कामनाओं की

जिसे खाली हाथ

नहीं कहा जाता है

उस शक्तिमान से

जो चलाते हैं

इस सृष्टि को

हमको

डरा सा मनुष्य

चुपके से

अपनी कामनाओं को

एक नारियल के साथ

प्रेषित कर दिया जाता है

यह कहकर-

देख लेना प्रभु

हमको भी !!!!

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भगवान तो पहले ही खुश हैं

तुम्हारे मंदिर आने न आने से पहले

मुर्तियां गढ़ने से पहले

जब तुमने सीखीं नहीं थी

स्तुतियां, प्रार्थनाएं

भगवान अपने विस्तार में था

कल भी आज भी

सदा से

अपनी निश्चितता और संकल्प में

तुम्हें ही प्रेरित किया है

खोज करने के लिए

अपने लिए बेहतर

तुने तो सुविधाओं के साथ-साथ

गोला बारूद और बम बना लिया

इसे जिस दिन तुम फोड़ोगे

सारी सृष्टि तोड़ोगे

उस दिन भी

भगवान रहेगा

इस रिक्त जगह पर

अपने विस्तार में

हालांकि उस दिन तुम

नहीं रहोगे

नारियल चढ़ाने के लिए!!!!

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