say-to-love-simple-is-poem
कहने के लिए
प्रेम सरल है
बोलचाल में
जब तक
सामने वाले अनुकूल हो
हमारे
ज़रा सी भनक क्या लगी
नफ़रत हावी हो जाती है
बोलचाल में
व्यवहार में
लोगों का प्रेम
दिख जाता है
असल में प्रेम
अस्थाई है
स्थाई है तो
केवल नफ़रत
जो ज़रा सी चोट से
उभर के आ जाती है !!!
say-to-love-simple-is-poem
कहने के लिए
प्रेम सरल है बहुत
लेकिन समझने के लिए
कठिन है बहुत
नामुमकिन है
जो चांद सितारों की बातें करते हैं
लेकिन वादे करते हैं
तोड़ लाने का
इसके लिए जटिल है
प्रेम
जो कहता नहीं
लेकिन समझता है
एक दूसरे की भावना
जो बिन मांगे
दे देता है
अपना सबकुछ
वहीं समर्पण
सरल प्रेम है !!!
प्रेम सरल है
इतने सरल कि
हर कोई मधुरता की बोली
समझ जाते हैं
डर उस समय लगता है
जब आचरण
बोली से अलग लगते हैं !!!!
वादा और दावा
लगभग समान है
एक में भविष्य की उम्मीद
दूसरे भविष्य में
वर्तमान की एकरूपता है
प्रेम इसी उम्मीद में
जीता है !!!
इन्हें भी पढ़ें 👉 अवचेतन मन में पड़ा विचार
0 टिप्पणियाँ