Articles-on-Attitude-Thought दूसरों के बारे में हम नहीं सोचते हैं तो हम गलत हैं । दूसरों का नजरिया समझकर ही समझदारी आती है । । इससे आकलन होगा । अच्छे और बुरे का ।खुद की पहचान होगी ।जिसमें कीमत होगी । स्वयं के बारे में सोचते रहना । मतलबी लोग करते हैं । जो दूसरों का सम्मान नहीं कर सकते हैं ।
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अपनी ही मनमानी करना है तो अलग बात है ।केवल मतलब निकालना है तो अलग बात है ।दुनिया निकालती है । जिसमें आप भी शामिल है ।
केवल आपका नजरिया सही / गलत में अंतर करना आना चाहिए ।किसी की भावना किसी की सोच , कहां से निकली है । पता होना चाहिए । अपने / पराए की ।
वर्ना आजकल गलत लोग भी यही सोचते हैं । हमें किसी की परवाह नहीं । तो क्यों ?कौन ? उसका परवाह करें । करना भी नहीं चाहिए । जो केवल अपने बारे में सोचते है । उन सभी लोगों का ।
इसी व्यक्तिवादी सोच की वजह से रिश्ते टूटे है । मुर्खों के आगे । जो देश और समाज के लिए घातक है । डर के आगे जीत है तो जिद के आगे मुर्ख है ।याद रखना ।
जिस तरह से शरीर के लिए संतुलित भोजन चाहिए । उसी तरह से जीने के लिए संतुलित नजरिया ।
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