ghazal-ishq-ki-hindi-me
समझौता हम कर सकते थे
साथ साथ हम चल सकते थे
चाहे आ जाते लाख तुफान
हम दोनों साथ लड़ सकते थे
मेरा सफ़र कभी तन्हा न होता
ख्वाहिश थी तुम आ सकते थे
अगर मैं वादे पे खरा न उतरता
तुम्हारी मर्ज़ी ये रिश्ता तोड़ सकते थे
मैंने चाहा है तुम्हें इस क़दर
तेरे लिए हर समझौता कर सकते थे !!!
ghazal-ishq-ki-hindi-me
सफ़र कितना आसान होता
यदि चलते वक्त
दसों दिशाएं नहीं मिलती
मैं चलता जाता
निरंतर
मंजिल की ओर
लेकिन दिशाओं ने
असमंजस में डाला
मैं रूका इसलिए
और मेरे लिए चुनाव कठिन था
मेरे सफ़र की दिशा
यही पर भटका ऐसे
जैसे सफ़र कठिन है
निर्णय का !!!!
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