धन बरसे

 धन बरसे

मन न तरसे

इतना देना

सबका मन हर्षे

धन बरसे


न कोई भूखे रहे

न कोई रूठे रहे

हे ! अन्नपूर्णा देवी

तेरी कृपा से 

मन न तरसे

धन बरसे


चहूओर सुख शान्ति हो

मन में न कोई भ्रांति हो

मिट जाए नफ़रत सभी

ऊंच-नीच न कोई जाति हो

सबकी ऑंखों से

बस प्यार बरसे

धन बरसे


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