रात के दामन में
मचलते अरमान में
मैंने तुम्हें ढूॅंढ़ा है
सुने आसमान में
चॉंद में तेरी सूरत है
जिसकी धीमी मुस्कान में
सोने नहीं देती तेरी चाहत
तुझे पाने के अरमान में
रात के दामन में
मचलते अरमान में
मैंने तुम्हें ढूॅंढ़ा है
सुने आसमान में
चॉंद में तेरी सूरत है
जिसकी धीमी मुस्कान में
सोने नहीं देती तेरी चाहत
तुझे पाने के अरमान में
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