मुर्दा सा सोया हुआ Slept Like the Dead Poem

Slept Like the Dead Poem 


 मुर्खों का एक समुदाय

मुर्दा सा सोया हुआ है

और लोग ज्ञान देते हैं

जागते हुए समुदाय को

बात इतनी सी है कि

सब डरते हैं मुर्खों से

जो सुनते हैं उसे सुनाते हैं

तो फिर क्या मज़ा है

विद्वान बनने से !!!

Slept Like the Dead Poem

हर चीजों को

विकृत कर डाला

दोगलापन से भरें हुए

तथाकथित बुद्धिजीवियों ने

कभी कुछ कभी कुछ

परिभाषा गढ़ दिया

इस तरह अर्थ खोता गया

सत्य

जो अटल थे !!!


दोगला हो जाना

किसी सत्य को सीधे स्वीकार न कर

अपने हिसाब से सत्य गढ़ना !!!



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