बारिश का इंतजार/कविता

 सूखी नदी को इंतजार है

बारिश का

बादल का

बरसने का

घनघोर

नदी में न समाए पानी

और बह चली

सागर की ओर

लहराती हुई

मचलती हुई

सारी बाधाओं को

पार करती हुई

- राजकपूर राजपूत''राज''

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