article to artist एक अच्छा कलाकार किसी वस्तु,, किसी व्यक्ति,, या मूर्त अमूर्त चीजों के भीतर स्वयं जीता है । जिसकी अनुभूति,, अहसास स्वयं उसके जैसे करता है । पूरी ईमानदारी से । तटस्थ होकर । मगर स्वयं शामिल नहीं होते हैं जिसकी अभिव्यक्ति करते हैं ।
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लेकिन सबको अहसास जरूर करा देते हैं । जैसा है किसी मूर्त अमूर्त के केन्द्रीय भाव में !
ऐसा न कर सकने वाले कलाकार किसी भी दृष्टिकोण से कलाकार नहीं हो सकते हैं । क्योंकि वो जीवन के असल आंनद को जी नहीं पाया है । जहां आनंद की उत्पत्ति होती हैं । उस गहराई में खोते नहीं खाएं है !
अपनी भावनाओं को प्राथमिकता देने वाले लोग अक्सर दूसरों को समझ नहीं पाते हैं । अपने ही नजरिए से सबको प्रमाणित करते हैं। ऐसे लोग मुर्ख हो सकते हैं या फिर चालाक । जो जानकर या अनजाने में करते हैं । आधुनिक समय में लोग स्वयं के जीवन को प्राथमिकता देते हैं । !!
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