Ghazal Social
समय पर जो हो जाए अच्छा
ऐसा अवसर ढूंढ लो तो अच्छा
नसीहत कीमती है तुम याद रखो
खुद समझो और समझाओं तो अच्छा
तुझे कब तक ख्वाबों में सजाएंगे
कभी हकीकत में मिलों तो अच्छा
तुम्हें जी भर के गले लगाकर रोऊंगा
गर मेरे ऑंसू समझ गए तो अच्छा
मैं तुम्हें चाहता हूॅं ये काफी नहीं है
तेरे सीने में भी प्यार हो तो अच्छा !!!
Ghazal Social
शब्दों के जाल न बुनो
अपना रास्ता खुद चुनो
ये बहाना तेरी चाहत है
आलस्य इस तरह मत चुनो
दिल की आवाज है सुनो जरा
अपनी पहचान तो चुनो !!!
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