ऐसा नहीं कि मैं महान हूॅं

 ऐसा नहीं कि मैं महान हूँ 

सबकी नजरों में समान हूँ 


कोई बुरे हैं कोई अच्छे हैं

मैं सबके लिए क्यों परेशान हूँ


 विचारों का पुतला है आदमी

फिर भी खुद से अनजान हूॅं 


रूक जा ठहर जा ऐ ! वक्त

तुझे साथ पाके मैं धनवान हूॅं 


  

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