जीवन को सादा मत रखो

Maan ki Suvidha Kavita 


मन में दुविधा मत रखो
मन की सुविधा मत रखो

जो भी करो दिल से करो
हर बात पे शंका मत रखो

सफ़र तभी मुकम्मल होगा
यूॅं समान ज्यादा मत रखो

अपना नाम लिख दे पत्थरों पे
जीवन को सादा मत रखो 

सम्हल - सभ्हल कर क्यों चलना प्यारे
इतनी होशियारी मत रखो

जब संस्कार निकल गए शिक्षा से
इतनी कट्टरता मत रखो

नफ़रत का जवाब नफ़रत से
ऐसा ज्ञान मत रखो

वो गला काटने को आतुर है
इतनी सहनशीलता मत रखो 

वो रूठे हर बात पर हम मनाएं 
ऐसा प्यार मत रखो 

प्रेम करो तो बंधन न हो
गुलाम किसी को मत रखो  !!!


Maan ki Suvidha Kavita 


मैं शिक्षित हूं
क्योंकि पढ़ा लिखा हूं
और बहुत कामों से परहेज़ करता हूं
तो मेरी शिक्षा अधूरी है
जिसने जीवन जीने की कला नहीं सीखा है
सरलता से
उत्तम शिक्षा
जीवन जीने के लिए है
न कि कोई काम बड़ा छोटा में
अंतर के लिए !!!!!

बेरोज़गारी का रोना
ज्यादातर
आरामदायक कामों की तलाश है
इसलिए हताश है
शिक्षित लोग !!!!

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