There are Many Men Poem
आदमी अनेक हैं
लेकिन ईश्वर एक है
विचार अनेक हैं
लेकिन मन एक है
तर्क अनेक हैं
लेकिन सत्य एक है
जनता अनेक हैं
लेकिन नेता एक है
बहस बहुत हैं
लेकिन सियासत एक है
जीने की कई राहें
लेकिन जिंदगी एक है
उलझा के रखें हैं
परिभाषाओं में
जबकि प्रेम एक है
ठहरो कहीं जिंदगी
मकसद एक है !!!
There are Many Men Poem
ईश्वर को न मानना
कोई बहादुरी का कारण नहीं है
तुम उन हस्तियों का सहारा लेते हो
जिसने कभी कहा ही नहीं है
लेकिन ऐसे लिखें
तुम तर्कशील दिखें
चरित्र का पता नहीं है
ज्ञान का अहसास नहीं है
लेकिन उपदेश दिए ऐसे
तू कोई दोगला तो नहीं है !!!
आदमी अनेक हैं
मगर मतलब पे एक हैं
अभी उसने मुंह खोला नहीं
हम जानते हैं उसे मौका मिला नहीं
वर्ना कारनामे तो महान होंगे !!!!
आदमी अनेक हैं
कोई बुरे तो कोई नेक हैं !!!
---राजकपूर राजपूत
2 टिप्पणियाँ
बहुत ही शानदार प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद 🙏
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