कभी कभी लेखक भी

 बहुत कोशिश किए उसने

अपने फालोवर्स लिस्ट में डालने के लिए

बहुत खूब बहुत सुंदर कहें उसने

दिल को बहलाने के लिए

कुछ दिनों तक प्रशंसक बन

मेरा साथ चले उसने

जब हार गया उसका मन

तब अनफालो किए उसने !!!


कभी-कभी लेखक, कवि भी

तालियों में रचे-बसे हुए होते हैं

सच न देखकर

झूठ का सहारा लेते हैं 

तालियां पाने के लिए

किसी एजेंडे का सहारा लेकर

किसी का एजेंडा बन जाते हैं

वो कैसे कवि हैं !!!



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