अनावश्यक है विचार तुम्हारे

मैंने तुम्हारे विचारों में
कई चीजें
अनावश्यक देखा
जिसे तुम विचार मानते हो
तुम्हारी बुद्धिजीवी होने का दावा
एक खोखला है
केवल आंदोलित करना
अपने विचारों को थोपना
जिसे तुम नफ़रत करते हो
और मैं प्रेम
उसमें संशय भर के
तोड़ना चाहते हो मुझे
ताकि तुम्हारे नजरिए
अपना सकूं
अपनी श्रद्धा और विश्वास
तोड़ सकूं
इसलिए तुमने
नए विचारों के नाम से
मुझे बहलाते हो
जहॉं मेरा टिकना मुश्किल है
तुम्हारे फ़ालतू के विचारों में
---राजकपूर राजपूत''राज''
अनावश्यक है विचार तुम्हारे


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